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मुख्यमंत्री किसान ऋण माफ़ी योजना 2023 का काला सच - मध्यप्रदेश में 3 हजार करोड़ रूपये के घोटाले का अंदेशा - क्या जाँच होंगी या यह भ्र्ष्टाचार का पूरा नेक्सेस है ।।


मुख्यमंत्री किसान ऋण माफ़ी योजना 2023 का काला सच ।
- मध्यप्रदेश में 3 हजार करोड़ रूपये के घोटाले का अंदेशा 
-  क्या जाँच होंगी या यह भ्र्ष्टाचार का पूरा नेक्सेस है ।।
धीरज चतुर्वेदी, // छतरपुर ।। हर जगह प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी। भ्र्ष्टाचारियों को पकड़ने की गारंटी। इस तरह के भाषण और विज्ञापन तो मध्यप्रदेश में जुमला साबित हो रहे है। बात हो रही है सहकारिता विभाग की। जब भीं घोटालो और भ्र्ष्टाचार की बात होती है तो प्रसिद्ध शायर रियासत हुसैन रिज़वी यानि शौक बहराईच का शायरी में कटाक्ष आज भीं जिन्दा है। " बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा"…। मध्यप्रदेश का सहकारिता विभाग के अधिकारी और संचालक तो करिश्माई है, जो किसानो की ब्याज माफ़ी योजना में 5 लाख को 5 करोड़ बना कर बिलखते किसानो पर कुंडली मार खुद की तिजोरिया भर लेते है।  हर वर्ष होने वाली ऋण ब्याज माफ़ी मामले की प्रधानमंत्री के ड्रोन की तरह जाँच हो जाये तो लगभग तीन हजार करोड़ रूपये से अधिक का स्केम उजागर होगा। सवाल उठता है कि जाँच करेगा कौन? क्या सीबीआई? सबूत खगांलने हो तो छतरपुर जिले में सबूतों के अंबार दस्तावेज है। आश्चर्य होगा नाम किसान का और ब्याज माफ़ी का शासन को भेजी डिमांड करीब 5 करोड़ पर असलियत 5 लाख रूपये की।
 छतरपुर जिले के ईशानगर, घुवारा, मऊखेरा, डिकोली, सेंधपा, बंधा, गुलगंज, जैतपुर, शाहगढ सहित कई समितियों ने किसान ब्याज माफ़ी की आढ़ में करोडो का खेला कर दिया। कुछ एक समितियों पर जाँच हुई और समिति के कार्यवाहकों पर कार्यवाही तो हुई पर गबनकारियो पर अपराध दर्ज नहीं किये गये।
केंद्रीय बैंक की ईशानगर शाखा में तीन करोड़ रूपये से अधिक का गबन 
छतरपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखा ईशानगर में तो मुख्यमंत्री ब्याज माफ़ी 2023 योजना में अपात्रों को पात्र बनाकर और अन्य हेराफेरी कर करोडो रूपये की डकार ले लीं गई। हासिल दस्तावेज के अनुसार ईशानगर में शिवपुजन शुक्ला के बचत खाता क्रमांक 652004046600 में वर्ष 2023 में 25 सितंबर को 684995 रूपये, 27 सितंबर को 911172 रूपये, 24 नवम्बर को 1013263 रूपये, 28 नवंबर को 1217680 रूपये और 29 नवम्बर को 3023563 ब्याज माफ़ी की कुल 68 लाख 50 हजार 673 जमा कर निकाल लीं गई।
गहरवार समिति में इसी तरह का गबन हुआ। यहाँ समिति प्रबंधक राजेश यादव के बचत खाता क्रमांक 652004046633 में 29 सितंबर को 890393 रूपये, पुनः 29 सितंबर को 428781 रूपये, 24 नवम्बर को 725350 रूपये, 28 नवम्बर को 910356 रूपये एवं 1 दिसम्बर को 399654 रूपये ब्याज माफ़ी के जमा कर निकाल लिये गये।
सलैया समिति भीं मुख्यमंत्री ब्याज माफ़ी 2023 में गबन करने से पीछे नहीं रही। यहाँ समिति प्रबंधक उत्तम तिवारी के बचत खाता क्रमांक 652004047241 में 26 सितंबर को 4501102 रूपये, पुनः 26 सितंबर को 1502368 रूपये, 29 सितंबर को 1330290 रूपये, पुनः 29 सितंबर को 1017500 रूपये, 30 सितंबर को 191272 रूपये, पुनः 30 सितंबर को 1325274 रूपये, 24 नवम्बर को 1995834 रूपये, 28 नवम्बर को 2153486 रूपये एवं 29 नवम्बर को 986435 कुल 1 करोड़ 50 लाख 3 हजार 561 रूपये जमा कर आहरित कर लिये गये। शाखा ईशानगर अंतर्गत रनगुंवा समिति ने भीं भ्र्ष्टाचार की गंगा में डुबकी लगा लीं वह भीं किसानो की आढ़ में। माध्यम वहीं मुख्यमंत्री ब्याज माफ़ी 2023। समिति के प्रबंधक रनमत सिंह के बचत खाता क्रमांक 652004046622 में 30 सितंबर को 1673746 रूपये, 24 नवम्बर को 1383811 रूपये, 28 नवम्बर को 2033493 रूपये, 29 नवम्बर को 2954623 रूपये एवं 1 दिसम्बर को 963583 रूपये जमा कर कुल 90 लाख 9 हजार 257 रूपये अमानत वापिस के नाम पर निकाल लिये गये।
*छतरपुर जिले में अरबो रूपये का गबन*
छतरपुर जिले में 113 सहकारी समितियां है जिन्होंने अपने दस्तावेजों में 41766 सदस्यों का 1 अरब 18 करोड़ 14 लाख 53 हजार 642 रूपये का मुख्यमंत्री ब्याज ऋण माफ़ी के तहत ब्याज माफ़ किया। अकेले ईशानगर शाखा में करीब साढ़े तीन करोड़ रूपये की हेराफेरी हो गई है तो अंदाजा किया जा सकता है कि छतरपुर जिले में किस स्तर का भ्र्ष्टाचार हुआ है। मजेदार है कि 15 जून को प्रशासक की मौजूदगी में जब ऋण माफ़ी की शासन को डिमांड भेजी गई तब छतरपुर कलेक्टर संदीप जी आर बैंक के प्रशासक थे। साफ है कि कलेक्टर साहब की आँखों में भीं धूल झोंक उन्हें गुमराह कर गबनकारी अपने मकसद में कामयाब हो गये। कमोवेश पूरे मध्यप्रदेश की सहकारी समितियों में मुख्यमंत्री ब्याज माफ़ी में गबन हुआ है। मध्यप्रदेश में 37 सहकारी केंद्रीय बैंक है जिसमे करीब 4500 समितियां संचालित है। मुख्यमंत्री ऋण माफ़ी 2023 में मध्यप्रदेश में करीब 3 हजार करोड़ रूपये के घोटाले का अनुमान है। क्या गबनकारी बेनक़ाब होकर जेल में चक्की पिसिंग या यह तो सिस्टम है जो चलता रहेगा और किसान रोता रहेगा।

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