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सद्भावना नागरिक बैंक प्रभारी सीईओ को अपर कलेक्टर ने दो दिन का दिया अल्टीमेटम ll

सद्भावना नागरिक बैंक प्रभारी सीईओ को अपर कलेक्टर ने दो दिन का दिया अल्टीमेटम ll
छतरपुर। जिले में संचालित सद्भावना नागरिक बैंक की अध्यक्ष श्रीमती सुलोचना बाजपेई और बैंक में पदस्थ रहे महाप्रबंधक मनोज सक्सेना के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। दोनों के द्वारा लगातार शिकायतों का दौर जारी है। अपर कलेक्टर ने दिनांक 22 फरवरी को एक पत्र सद्भावना नागरिक बैंक  के प्रभारी सीईओ को लिखा है। जिसमें उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा पारित आदेश दिनंाक 25.10.23 के संबंध में कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सद्भावना नागरिक बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोज कुमार सक्सेना को तत्काल चार्ज देकर उन्हें कार्य पर लिए जाने के निर्देश दिए हैं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश के बाद भी मनोज सक्सेना को सद्भावना नागरिक बैंक में कोई काम नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ ही मनोज सक्सेना का खाता अध्यक्ष द्वारा होल्ड कर दिया गया है। विगत 5-6 माह से वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। मनोज सक्सेना ने बताया कि अध्यक्ष महोदय के पुत्र के द्वारा जबरन खाता को बंद किया है और उच्च न्यायालय के आदेश को नहीं माना जा रहा है। इस संंबंध में अपर कलेक्ैटर छतरपुर एवं जेआर सागर के साथ डीआर छतरपुर के द्वारा लगातार पत्र लिखकर उच्च न्यायालय के आदेश के पालन किए जाने के संबंध में लिखा जा रहा है परंतु बैंक की अध्यक्ष की मनमानी के चलते उन्हें चार्ज नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में अपर कलेक्टर ने एक पत्र लिखकर तत्काल आदेश के पालन करने के लिए प्रभारी सीईओ को निर्देशित किया है और तत्काल प्रतिवेदन भिजवाने के लिए उल्लेखित किया है। अपर कलेक्टर ने पत्र में यह भी हवाला दिया कि यदि उपरोक्त प्रकरण में अवमानना की स्थिति निर्मित होती है तो इसकी जबावदारी प्रभारी सीईओ की होगी। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मनोज सक्सेना के संबंध में जो जांच है वह पृथक से की जाएगी। फिलहाल सद्भावना नागरिक बैंक में अध्यक्ष पुत्र विनीत बाजपेई के द्वारा प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है और लगातार बैंक में अनियमितताएं की जा रही हैं। इस संबंध में दूरभाष पर विनीत बाजपेई से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मनोज सक्सेना के ऊपर बैंक की राशि का गवन करने का आरोप है और उनके द्वारा बैक में समय से न आने जैसे कई गंभीर आरोप हैं। वह लगातार 25 वर्षों से बैंक का शोषण करते रहे। फिलहाल सद्भावना नागरिक बैंक की नई अध्यक्ष श्रीमती सुलोचना बाजपेई और महाप्रबंधक मनोज सक्सेना के बीच विवाद बना हुआ है। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि बैंक के स्थाई सदस्यों को भी बैंक के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती। बैंक की अध्यक्ष कब और कैसे बन गईं यह भी एक प्रश्र उठता है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि बैंक के पूर्व अध्यक्ष राजेश महतों को वर्तमान अध्यक्ष ने मोटी रकम देकर हटाया और बैंक पर कब्जा जमा लिया है। इसके अलावा नई अध्यक्ष ने 6 लोगों की अवैध नियुक्तियां कर बैंक पर अतिरिक्त भार डाला है। नियुक्तियों में भी भारी लेनदेन किए जाने की बात सामने आ रही है। फिलहाल सद्भावना नागरिक बैंक की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।

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